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मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने मुख्य सचिव, डीजीपी सहित अन्य वरीय अधिकारियों के साथ राज्य में विधि व्यवस्था का संधारण, अपराध नियंत्रण, अवैध माइनिंग पर रोक, मादक पदार्थ पर नकेल कसने एवं साइबर क्राइम पर लगाम लगाने से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में आज राज्य में विधि व्यवस्था का संधारण एवं अपराध नियंत्रण, अवैध माइनिंग पर रोक, मादक पदार्थ पर नकेल कसने एवं साइबर क्राइम पर लगाम लगाने से संबंधित एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से राज्य में विधि व्यवस्था, अवैध माइनिंग पर रोक तथा विभिन्न प्रकार के अपराध नियंत्रण को लेकर की जा रही कार्रवाई की विस्तृत जानकारी रखी गई। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में बेहतर विधि व्यवस्था का संधारण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुनियोजित अपराध को रोकने के लिए पुलिस एक प्रभावशाली प्लान तैयार कर चिन्हित अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम तभी रुकेगा जब स्ट्रांग पुलिसिंग का डर अपराधियों के भीतर दिखाई दे। पुलिस का भय अपराध करने वालों में होना आवश्यक है। मुख्यमंत्री के समक्ष पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में विभिन्न अपराध कांडों में कमी आयी है। दहेज हत्या से प्रभावित जिलें पलामू गढवा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद एवं सामान्य हत्या बोकारो में ज्यादा फोकस करते हुए इन कांडों में नियंत्रण के किए कार्य किए जा रहे हैं। सामान्य हत्या शीर्ष में रांची, गुमला तथा चाईबासा जिला में भी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस राज्य में अवैध मादक पदार्थों के कारोबार की रोकथाम के लिए व्यापक विशेष अभियान चलाकर लोगों को कानून की जानकारी दें। शहरी एवं ग्रामीण सभी जगहों के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के विषय पर जानकारी दें। जागरूकता से ही मादक पदार्थ के सेवन में कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए प्लान के साथ आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कई वर्षों से पुलिस ने अभियान चलाकर हजारों एकड़ में अफीम की तैयार फसल नष्ट भी की है, लेकिन इसके बावजूद वन भूमि में अफीम के धंधे को पूरी तरह रोक पाना मुमकिन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ बेहतर समन्वय बना कर वनभूमि में हो रही अफीम की खेती को जड़ से नष्ट करें तथा यह सुनिश्चित करें कि वैसी जगहों पर दोबारा नशीले पदार्थों की खेती न हो।

References:https://cm.jharkhand.gov.in/node/19433